चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] कानून में भारत के चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का प्रयास है। इस उपाय के माध्यम से, भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त उपाधियों द्वारा संचित राजनीतिक दान अनुदानों को विशेषज्ञ बैंकों के माध्यम से प्रदान किया जाता है। यह उपाय उपचुनावी आयोग की सिफारिश के आधार पर चलाया गया है, जिसका उद्देश्य ब्लैक मनी को कम करना और चुनावी वित्तन को स्वच्छ करना है। चुनावी बॉन्ड एक प्रकार का पर्चा है, जिसका उपयोग राजनीतिक दान के लिए किया जा सकता है।
इस उपाय का मुख्य लक्ष्य राजनीतिक पार्टियों को निजी या गैर-व्यक्तिगत वित्तीय सहायता प्राप्त करने का आसान माध्यम प्रदान करना है, जो भ्रष्टाचार और गैर-साही वित्तीय प्रयासों से मुक्त होता है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया राजनीतिक दानों की पारदर्शिता और गोपनीयता को सुनिश्चित करती है। यहां चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] के संपूर्ण विवरण दिए जा रहे हैं:
चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] क्या है?
चुनावी बॉन्ड एक नामी दस्तावेज है जो केवल राजनीतिक दान के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह एक प्रकार का दस्तावेज है जो केवल बैंकों के माध्यम से खरीदा और बेचा जा सकता है।
चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] के लाभ:
- चुनावी बॉन्डों का प्रयोग करने से समग्र राजनीतिक दान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और स्वच्छ होती है।
- इसका उपयोग ब्लैक मनी को कम करने में मदद करता है, क्योंकि सभी दान के लिए बैंक खाते का प्रयोग होता है।
- यह दानकर्ता के नाम को गोपनीय रखता है, जिससे उनकी पहचान सुरक्षित रहती है।
[Electoral Bond] कैसे काम करता है?
- चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] को खरीदने के लिए कोई व्यक्ति या संगठन बैंक में जाता है और बॉन्ड की अनुमानित मूल्य का भुगतान करता है।
- बैंक फिर एक चुनावी बॉन्ड जारी करता है, जिसमें दानकर्ता का नाम नहीं होता है।
- यह बॉन्ड फिर राजनीतिक पार्टियों के द्वारा बैंक में जमा किया जाता है
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चुनावी बॉन्ड[Electoral Bond]: संपूर्ण जानकारी
भारतीय चुनाव प्रक्रिया में प्राथमिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए चुनावी बॉन्ड एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक नया और प्रभावी तंत्र है जो राजनीतिक पार्टियों को निजी या गैर-व्यक्तिगत दान प्राप्त करने के लिए संचित धन के लिए एक सुरक्षित माध्यम प्रदान करता है। इस लेख में, हम चुनावी बॉन्ड के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
1. चुनावी बॉन्ड क्या है?
चुनावी बॉन्ड एक वित्तीय उपकरण है जो राजनीतिक दान के लिए उपयोग किया जाता है। यह दानकर्ता द्वारा उपहार किया जाता है और संचित धन को राजनीतिक पार्टियों या राजनीतिक संगठनों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। यह बॉन्ड विशेषज्ञ बैंकों द्वारा ही जारी किया जा सकता है और इसे केवल निर्धारित धारावाहिक मानकों के अनुसार खरीदा और बेचा जा सकता है।
2. चुनावी बॉन्ड के लाभ:
- पारदर्शिता: चुनावी बॉन्ड का प्रयोग करके राजनीतिक दान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सकता है।
- ब्लैक मनी का निवारण: इस उपकरण से ब्लैक मनी को रोका जा सकता है, क्योंकि सभी दानों के लिए बैंक खाते का उपयोग होता है।
- दानकर्ता की गोपनीयता: चुनावी बॉन्ड दानकर्ता के नाम को गोपनीय रखता है, जिससे उनकी पहचान सुरक्षित रहती है।
3. कैसे काम करता है?
- खरीद: चुनावी बॉन्ड को खरीदने के लिए व्यक्ति या संगठन एक विशेषज्ञ बैंक में जाता है और बॉन्ड की अनुमानित मूल्य का भुगतान करता है।
- जारी: बैंक फिर चुनावी बॉन्ड जारी करता है, जिसमें दानकर्ता का नाम नहीं होता है।
- जमा: यह बॉन्ड फिर राजनीतिक पार्टियों के द्वारा बैंक में जमा किया जाता है, जो इसे किसी भी समय वापस कर सकते हैं।
4. चुनावी बॉन्ड [Electoral Bond] की अवधि:
- चुनावी बॉन्ड की अवधि तीन महीने की होती है, जिसके बाद वह अमान्य हो जाता है।